Independence Day 2022 : उत्तराखंड में आजादी के जश्न की धूम, सीएम धामी ने दिलाई राष्ट्रीय एकता की शपथ
Independence Day 2022 : उत्तराखंड में आजादी के जश्न की धूम, सीएम धामी ने दिलाई राष्ट्रीय एकता की श
Independence Day 2022 : स्वतंत्रता दिवस की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने सुबह सबसे पहले मुख्यमंत्री आवास में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर सीएम ने वहां मौजूद सभी लोगों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई।
सीएम धामी ने राजधानी देहरादून के साथ ही गैरसैंण स्थित विधानसभा भवन भराड़ीसैंण में भी ध्वजारोहण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री शाम पांच बजे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित स्वल्पाहार कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। वहीं, सीएम धामी ने दो घोषणाएं भी की। वहीं, उधर, विधायक अनिल नौटियाल ने सीएम के सामने क्षेत्र की 17 समस्याओं के समाधान की मांग रखी।
ये घोषणाएं की
- कर्णप्रयाग में दीनदयाल पार्क का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
- गैरसैंण पेयजल योजना
- भरसार कृषि विश्वविद्यालय के हरगढ़ परिसर में भवनों का निर्माण कराया जाएगा।
सीएम ने दी प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आजादी की 76वीं वर्षगांठ(76th anniversary of independence) पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों, सैन्य और अर्धसैन्य बलों के शहीद जवानों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए कहा कि आज जो हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, वह स्वतंत्रता सेनानियों और शहीद जवानों के त्याग और बलिदान का प्रतिफल है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों और आंदोलनकारियों को भी श्रद्धापूर्वक नमन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की 76वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। देश के घर-घर में फहराता तिरंगा दुनिया को एक भारत श्रेष्ठ भारत का संदेश दे रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से विशेष लगाव किसी से छुपा नहीं है। पिछले आठ वर्षों में केंद्र सरकार ने एक लाख 50 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं उत्तराखंड के लिए स्वीकृत की हैं।
राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा देता है स्वतंत्रता दिवस : राज्यपाल
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर समस्त प्रदेशवासियों को आजादी के 75 वर्ष पूरे होने की शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि आज का दिन हम सब को यह प्रेरणा देता है कि हम समरसता, समृद्धि, खुशहाली से राष्ट्र निर्माण की तरफ बढ़ें।
राज्यपाल ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि इस मौके पर हम सब संकल्प लें कि मिलजुल कर उत्तराखंड और देश को आगे बढ़ाते हुए बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार के नए अवसरों को तलाशकर इनोवेशन और कार्यकुशलता से एक नई ऊंचाई तक पहुंचा सकें। राज्यपाल ने वीरता पदक विजेताओं, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों(freedom fighters) को याद करते हुए कहा कि जिन्होंने इस देश की आजादी एवं सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, वह कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर हर देशवासियों में राष्ट्र निर्माण, चरित्र निर्माण और देश की सुरक्षा के लिए जो उत्साह देशभर में दिख रहा है, वह अपने आप में अलग है।
दुनिया के सामने पेश की आत्मनिर्भर भारत की मिसाल
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से देश हर एक क्षेत्र में नए-नए आयाम स्थापित कर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमने विश्वव्यापी महामारी से लड़ते हुए दो सौ करोड़ से अधिक स्वदेशी टीके का निर्माण कर पूरे विश्व के सामने आत्मनिर्भर भारत की मिसाल पेश की है।
प्रगति के पथ पर उत्तराखंड
राज्यपाल ने कहा कि देश के साथ-साथ उत्तराखंड भी विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद चुनौतियों से पार पाते हुए प्रगति की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के सफल संचालन के साथ ही कनेक्टिविटी, रेल मार्गों के निर्माण से भविष्य में यात्रा और भी सुगम और सुविधाजनक होने की उम्मीद है। कहा कि सरकार की ओर से कृषि, जैविक खेती, औद्यानिकी को मजबूती देने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को पहाड़ में ही विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं(self employment schemes) के जरिये प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि पलायन की समस्या को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से युवाओं को रोजगार परक शिक्षा व ट्रेनिंग दी जा रही है।
राष्ट्रनिर्माण में अहम भूमिका निभा रही मातृशक्ति
राज्यपाल ने उत्तराखंड की मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा कि प्रदेश की महिलाओं में संघर्ष की अद्भुत शक्ति है, विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी मातृशक्ति राष्ट्रनिर्माण में अहम भूमिका निभा रही है।